अचानक रिटायरमेंट पर रोहित और अश्विन के बयान में अंतर क्यों? चेन्नई पहुंचते ही अन्ना ने फोड़ दिया बम

चेन्नई: भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अचानक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्होंने गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद
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चेन्नई: भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अचानक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्होंने गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद रोहित शर्मा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए और उन्होंने दो लाइन में सभी को शुक्रिया कहा और अपना फैसला सुनाकर चलते बने। इसके बाद उन्होंने ब्रिस्बेन से फ्लाइट ली और आज सुबह चेन्नई घर पहुंच गए। यह घटनाक्रम जितना हैरान करने वाला रहा उससे भी हैरान करने वाला उनके और रोहित शर्मा के बीच बयानों में अंतर रहा। रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह पर्थ में ही संन्यास लेना चाहते थे, लेकिन हमने एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट खेलने के लिए मनाया। अब अश्विन ने जो बयान दिया है वह थोड़ा अलग है।
रोहित बोले- वह पर्थ में संन्यास लेना चाहते थे
चेन्नई पहुंचने के बाद एएनआई सहित मीडिया को बाइट देते हुए अश्विन ने जो कहा वह रोहित के बयान से उलट है। उन्होंने कहा- मैं CSK के लिए खेलने जा रहा हूं और अगर मैं जितना हो सके उतना लंबे समय तक खेलने की कोशिश करता हूं तो हैरान मत होइए। मुझे नहीं लगता कि अश्विन क्रिकेटर के तौर पर खत्म हो गए हैं, मुझे लगता है कि अश्विन भारतीय क्रिकेटर के तौर पर शायद अब समय आ गया है। बस इतना ही। शायद वह इस ओर इशारा कर रहे थे कि वह और इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना चाहते थे।



अश्विन बोले- मैच के चौथे दिन सोचा और 5वें दिन फैसला ले लिया
जब उनसे पूछा गया कि क्या संन्यास की घोषणा करना एक मुश्किल फैसला था तो उन्होंने कहा- ऐसा नहीं है। यह बहुत से लोगों के लिए भावनात्मक है। यह भावनात्मक होगा भी, लेकिन मेरे लिए, यह राहत और संतुष्टि की एक बड़ी भावना है। यह मेरे दिमाग में कुछ समय से चल रहा था, लेकिन यह बहुत सहज था। मैंने इसे चौथे दिन महसूस किया और पांचवें दिन इसे खत्म कर दिया। दूसरी ओर, रोहित शर्मा ने कहा था कि वह पर्थ में संन्यास लेना चाहते थे, लेकिन अश्विन ने अपने बयान में ऐसा कुछ नहीं कहा।

5 दिग्गज क्रिकेटर जिन्होंने अश्विन की तरह सीरीज के बीच में ही लिया संन्यास, दो भारतीय नाम भी
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    साउथ अफ्रीका के एलन डोनाल्ड की बॉलिंग की चर्चा आज भी होती है। 22.25 की औसत से उनके नाम टेस्ट में 330 विकेट हैं। 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साउथ अफ्रीका की टीम तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही थी। सीरीज के पहले मैच के बाद डोनाल्ड ने संन्यास का ऐलान कर दिया था।

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    डेमियन मार्टिन 2000 के दशक में ऑस्ट्रेलिया के मध्यक्रम की जान हुआ करते थे। 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में भी उन्होंने कमाल की बैटिंग की थी। लेकिन 2006/07 एशेज सीरीज के दो मैच खेलने के बाद उन्होंने तीसरे मैच से पहले संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया।

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    2008 में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर थी। सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच दिल्ली में खेला जा रहा था। तब टीम इंडिया के कप्तान अनिल कुंबले ने इस मैच के दौरान ही संन्यास का ऐलान कर दिया। मैच के आखिरी दिन टी ब्रेक के बाद फैंस को कुंबले के संन्यास की खबर पता चली।

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    इंग्लैंड के दिग्गज ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान ने भी सीरीज के बीच में ही संन्यास लिया था। 2013-14 एशेज सीरीज में इंग्लैंड का प्रदर्शन काफी निराशाजनक था। लगातार तीन टेस्ट मैच हारने के बाद इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर ने संन्यास ले लिया था।

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    महेंद्र सिंह धोनी भी सीरीज के बीच में ही संन्यास लिया था। उन्होंने भी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच ही क्रिकेट छोड़ा था। 2014-15 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। बॉक्सिंग डे टेस्ट के बाद धोनी ने सभी को अपना फैसला सुनाकर चौंका दिया था।



धोनी और कुंबले की खास लिस्ट में शामिल
उल्लेखनीय है कि सीरीज के बीच में संन्यास लेने की घोषणा करने वाले रविचंद्रन अश्विन से पहले पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले और महेंद्र सिंह धोनी भी ऐसा कर चुके हैं। धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में सीरीज के बीच में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था जबकि कुंबले ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इस तरह से अश्विन और धोनी ने अपना आखिरी टेस्ट ऑस्ट्रेलिया में खेला जबकि कुंबले ने उंगली की चोट के कारण 2008 में नई दिल्ली में खेले गए मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी।

5 फील्डर जिन्होंने अश्विन की बॉलिंग पर लपके हैं सबसे ज्यादा कैच, एक तो संन्यास भी ले चुका
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    रविचंद्रन अश्विन की बॉलिंग पर सबसे ज्यादा कैच लेने का रिकॉर्ड विराट कोहली के नाम दर्ज है। विराट ने अश्विन की गेंदबाजी पर 41 कैच लपके। अश्विन के डेब्यू मैच में भी विराट भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे।

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    टीम इंडिया से बाहर चल रहे अजिंक्य रहाणे स्लिप के सबसे बेहतरीन फील्डर में गिने जाते हैं। यही वजह है कि अश्विन की बॉलिंग पर सबसे ज्यादा कैच लेने वाली लिस्ट में वह दूसरे नंबर पर जगह बनाने में सफल रहे।

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    एज ग्रुप क्रिकेट से ही रोहित और अश्विन साथ खेल रहे हैं। रोहित शर्मा पिछले कुछ सालों से टेस्ट में स्पिन के खिलाफ स्लिप में फील्डिंग करते हैं। अश्विन की गेंद पर भारतीय कप्तान ने 35 बल्लेबाजों के कैच लपके।

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    सुरेश रैना को भारतीय क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फील्डर में गिना जाता है। रैना ने 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। अश्विन के साथ उन्होंने काफी क्रिकेट खेला और उनकी बॉलिंग पर 19 कैच भी लपके।

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    अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा एक साल से ज्यादा समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। पुजारा और अश्विन का इंटरनेशनल करियर लगभग एक ही समय शुरू हुआ था। पुजारा बल्लेबाज के आसपास ही फील्डिंग करते हैं।



धोनी ने भी ऑस्ट्रेलिया में लिया था संन्यास
धोनी ने दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान चार टेस्ट मैच की सीरीज के बीच में तब संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी जबकि भारत 0–2 से पीछे चल रहा था। उनका फैसला चौंकाने वाला था क्योंकि इससे पहले उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का कोई संकेत नहीं दिया था। अश्विन का फैसला भी चौंकाने वाला रहा, वह भी तब जबकि टीम उन पर काफी निर्भर है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैच की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी सीरीज अभी 1–1 से बराबरी पर है। कुंबले ने 2008 में तीसरे टेस्ट मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की थी तो तब भारत चार मैच की सीरीज में 1–0 से आगे था। भारत ने आखिर में यह सीरीज 2–0 से जीती थी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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